The full budget to be presented by the new government in the forthcoming session of Parliament to begin sometime next month may come packed with some concessions for the middle class by way of raising the tax exemption limit to up to Rs 1.75-Rs 2 lakh from the current Rs 1.50 lakh.
The other benefit in the direct tax segments could be withdrawal of the Fringe Benefit Tax. If through, both these measures will result in a tax outgo of around Rs 10,000 crore. Proposals in this regard are under active consideration, indicated a senior official in the finance ministry.
Raising of the tax exemption limit along with the withdrawal of FBT will act as another stimulus since the large middle class population will be left with more money in hand, especially at a time when the government is likely to release the remaining 60% salary arrears of the 6th Pay Commission.
The removal of FBT has also been mooted by the commerce ministry. It had also sought continuation of interest rate subsidy while seeking to further raise it from the existing 2% to 4%.
Sources in the finance ministry said there is no scope for any further cuts in excise duty, customs or service tax as the indirect tax collections had slipped into negative domain towards the end of the last fiscal. With the widening fiscal gap, it is equally important for the government to keep its revenue stream rejuvenated to fund its developmental and social schemes.
The commerce ministry is firmly backing industry's proposals for extending tax sops to export-oriented units, besides the continuation of interest rate subvention till March 2010. In their proposals to the finance ministry, industry chambers had asked the government to include measures in the budget that would promote investment and create additional demand.
नई सरकार बढ़ाएगी टैक्स एग्ज़म्पशन लिमिट
अगले संसदीय सत्र में नई सरकार कारोबारी साल 2009-10 का बजट पेश करेगी। और, ये बजट मिडिल-क्लास को खुश कर सकता है। खबर है कि यूपीए सरकार 1.50 लाख रुपए की मौजूदा टैक्स एग्ज़म्पशन लिमिट को बढ़ाकर 1.75 लाख-2.0 लाख रुपए कर सकती है।
खत्म होगा फ्रिंज बेनिफिट टैक्स(FBT)
इतना ही नहीं, प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) सेगमेंट में और भी कई बदलाव की गुंजाइश है। मसलन, फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को खत्म किया जा सकता है। और अगर सरकार एग्ज़म्पशन लिमिट बढ़ाने और एफबीटी को खत्म करने का फैसला लेती है तो सरकारी खजाने को 10,000 करोड़ रुपये का चूना लगेगा। फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इन दोनों ही मुद्दों पर विचार किया जा रहा है।
मिडिल-क्लास को एक और स्टिमुलस
टैक्स एग्ज़म्पशन लिमिट को बढ़ाने और एफबीटी को खत्म करने का फैसला मिडिल क्लास के लिए एक और स्टिमुलस का काम करेगा क्योंकि जनता के हाथ में ज़्यादा पैसा रहेगा। वो भी तब जब सरकार पहले ही 6ठें पे कमीशन के 60% एरिअर्स भी रिलीज़ करने वाली है। कॉमर्स मिनिस्ट्री भी एफबीटी हटाने के पक्ष में है। इसके अलावा, मिनिस्ट्री इंटरेस्ट रेट सब्सिडी को बनाए रखने के पक्ष में है और उसे 2 परसेंट से बढ़ाकर 4 परसेंट करना चाहती है।
एक्साइज ड्यूटी-सर्विस टैक्स दर नहीं घटेगी
फायनेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि एक्साइज़ ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी और सर्विस टैक्स में अब किसी तरह की कटौती की गंजाइश नहीं रह गई है क्योंकि पहले ही अप्रत्यक्ष कर का कलेक्शन पिछले कारोबारी साल में नेगेटिव हो गया था। सरकार के लिए ये जरूरी है कि वो विकास और सामाजिक कार्यक्रमों के के लिए रेवेन्यू का बंदोबस्त रखे, ऐसे में अप्रत्यक्ष कर दरों में बदलाव अब उचित नहीं।
उधर, इंडस्ट्री चैंबंर्स एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड यूनिट्स के लिए टैक्स-सॉप्स की मांग कर रहा है। और कॉमर्स मिनिस्ट्री इस मांग का सपोर्ट कर रही है। फायनेंस मिनिस्ट्री को दिए अपने प्रस्ताव में कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि वो बजट में ऐसे उपायों को जगह दे जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिले और साथ ही मांग भी बढ़े।
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